शब्द
ध्वनि
चुप
दीये जले
रौशनी हुई
...............
हर कोई
आज़ाद है
जलने के लिए
पतंगे की तरह
...................
राख का संगीत
सुनने के लिए
.................
आ जाओ
राग दीपक बज उठा है
मंडप सज चुका है ..I
Friday, February 18, 2011
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अलग अन्दाज़ की बानगी बेहद खूबसूरत है।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|
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