ग़ज़ल
पल दो पल में बदल नही जाते
वकत के साथ ढल नही जाते
जब से मै तुम से दूर हूँ तबसे
मुझसे मेरे ही शल नही जाते
मै फलक से गिरा जमी पर हूँ
यु ही पत्थर पिगल नही जाते
तब तलक आँखे सरद रहती है
जब तलक आंसू जल नही जाते
जो मिले आज कल वो विछड़एंगे
ऐसे मौसम तो टल नही जाते
Friday, March 13, 2009
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