Monday, November 9, 2009

तलाश

आज उसको
किसी की
तलाश थी... क्योके
वो पहली वार गुम हुआ था
अजनभी चिहरे भी आज उसको
अपने अपने लगते
पर वो अपनापन
उसके दिल की अंदरूनी परतों से
बाहर ना आ सका
ख़ुद से घबराकर
आख़िर उसने आवाज़ दी
सभी अजनबी चिहरे
उसकी तरफ दौड़े
अपना अपना रास्ता
पूछने के लिए ... ।

2 comments:

  1. सभी अजनबी चिहरे
    उसकी तरफ दौड़े
    अपना अपना रास्ता
    पूछने के लिए ... ।

    बहुत खूब। इस छोटी सी रचना में आपने बहुत कुछ कह दिया।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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