ग़ज़ल
कर गया दर्द फिर बेहाल मुझे ॥
जब भी आया तेरा ख्याल मुझे ॥
वो मुझे अब तो और ही लगता ।
जो था मेरा ही खुद सवाल मुझे ॥
मैं जिसे ढूँढता रहा हूँ सदा ।
पास रह कर करे मुहाल मुझे ॥
फ़लसफ़ा ज़िन्दगी का कुछ भी नहीं ।
मौत से ये रहा मुलाल मुझे ॥
साथ तेरे हैं दोस्तों ने कहा ।
पर हक़ीकत करे बेहाल मुझे ॥
फिर तो "जसबीर" दर्द बड ही गया ।
उसने पुछा जो हाल-चाल मुझे ॥
कर गया दर्द फिर बेहाल मुझे ॥
जब भी आया तेरा ख्याल मुझे ॥
वो मुझे अब तो और ही लगता ।
जो था मेरा ही खुद सवाल मुझे ॥
मैं जिसे ढूँढता रहा हूँ सदा ।
पास रह कर करे मुहाल मुझे ॥
फ़लसफ़ा ज़िन्दगी का कुछ भी नहीं ।
मौत से ये रहा मुलाल मुझे ॥
साथ तेरे हैं दोस्तों ने कहा ।
पर हक़ीकत करे बेहाल मुझे ॥
फिर तो "जसबीर" दर्द बड ही गया ।
उसने पुछा जो हाल-चाल मुझे ॥
आपने लिखा....
ReplyDeleteहमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए बुधवार 05/06/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!
bhut sunder steek thode shabdon me bhut kuchh. niki pai tikhi lgain..
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